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विश्व इतिहास का अध्ययन मात्र अध्ययन तक हीं शामिल नहीं है,अपितु इसकी महत्ता देश की प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा ( सिविल सेवा ) में भी दिखती है। ये सभी कारण इस पुस्तक की रचना के प्रेरणास्रोत हैं। इस पुस्तक की रचना विशेष रूप से संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा एवं विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोगों की राज्य सेवा परीक्षा को ध्यान में रखकर की गयी है जिसमें तथ्यों की प्रमाणिकता के साथ -साथ वैज्ञानिक एवं विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण पर विशेष बल प्रदान किया गया है। इसमें उन सभी अध्यायों को शामिल किया गया है ,जो उपर्युक्त परीक्षाओं के सामान्य अध्ययन के सिलेबस में अपना स्थान बनाये हुए हैं। इसके अतिरिक्त इसमें प्रत्येक अध्याय से संबंधित मानचित्र भी प्रस्तुत किये गए हैं ,जो उस अध्याय की सारगर्भित स्थिति को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस पुस्तक के प्रत्येक अध्याय में विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों को शामिल किया गया है जिसके विश्लेषणात्मक विवेचन को आप संबंधित अध्याय से बखूबी प्राप्त कर सकते हैं।
- यह पुस्तक सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन के अद्यतन सिलेबस के अनुरूप प्रस्तुत जिसमें सभी अध्यायों का पूर्णतया समावेश
- प्रत्येक अध्याय को वैज्ञानिक एवं विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के आधार पर समझाने का प्रयास ताकि अभ्यर्थियों को समझने एवं उनको अपनी लेखन शैली सुधारने में यह मार्गदर्शक की भूमिका में प्रेरणास्रोत बनी रहे
- प्रत्येक अध्याय में विगत वर्षोँ में पूछे गए प्रश्नों की संचयिका ताकि अभ्यर्थी इन प्रश्नों के साथ उस अध्याय के प्रति अपनी अवधारणात्मक सोंच को विवेचनात्मक शैली में प्रस्तुत करने की ऐसी क्षमता प्राप्त कर सके जिससे उसके सफलता के मार्ग बड़ी आसानी से प्रशस्त हो जाएं
- प्रत्येक अध्याय में मॉडल प्रश्नों का व्याख्या सहित विवेचन
- सात नए अध्यायों यथा विऔपनिवेशीकरण, गुट निरपेक्ष आंदोलन , दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद, सोवियत संघ का विघटन , पश्चिम एशिया , मध्य – पूर्व एशिया एवं दक्षिण -पूर्व एशिया का समायोजन तथा शीत युद्ध नामक एक अध्याय का नए रूप से परिमार्जन
- पुस्तक की भाषा शैली को सरल ,सुगम एवं बोधगम्य बनाने का प्रयास ताकि अभ्यर्थी बड़ी आसानी से समझ सकें
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